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विभाजन को समझना कक्षा 12 इतिहास class 12 history vibhajan ko samajhana
विभाजन को समझना कक्षा 12 इतिहास
भारत का बँटवारा
- भारत का बँटवारा सन 1947 में भारत और पाकिस्तान नाम के दो राष्ट्रों के साथ हुआ
- यह बँटवारा लार्ड माउन्टबेटन की योजना के अनुसार हुआ था l
- भारत में मुस्लिम बहुल इलाको को मिलाकर एक नए राष्ट्र पाकिस्तान को बनाया गया था l यह पाकिस्तान दो हिस्सों में बंटा हुआ था l
- पश्चिमी पाकिस्तान जो की पंजाब और पूर्वी पाकिस्तान जो की बंगाल को विभाजित करके बनाया गया था l दोनों ही क्षेत्र मुस्लिम बहुल इलाके थे l
बंटवारे की पृष्ठभूमि
- ब्रिटिश लोगो की हमेशा से " फूट डालो और राज करों " की नीति रही है l स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजो ने अपने वर्चस्व को बनाये रखने के लिए हिन्दू और मुस्लिम के रूप में लोगो को आपस में लड़ाया और फिर एक दुसरे के हिमायती बनकर दोनों को एक दुसरे के प्रति भड़काते रहे l
- यह योजना धीरे धीरे कम करने लगी और मुसलमानों को यह लगने लगा की हिन्दू बहुसंख्यक देश में वे सुरक्षित नहीं है l इसका भाव तब और प्रखर हो गया जब मुस्लिम लीग ने अलग राष्ट्र की मांग की l
- मुसलमानों ने कांग्रेस पर यह आरोप लगाया की वह मुस्लिम विरोधी है और उसके हिन्दू सदस्यों को हिन्दू महासभा में भाग लेने का अधिकार है जबकि मुस्लिम सदस्यों को ऐसा अधिकार प्राप्त नहीं है l
- वही हिन्दुओं में यह भावना घर करने लगी की भारतीय सरकार और नेता मुसलमानों को विशेष अधिकार देने लगी है और हिन्दुओं के साथ पक्षपात करने लगी है l
- मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल से इस भावना को और बल मिला l हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच विश्वास की खाई गहरी होती चली गयी l
- दोनों समुदायों के बीच अविश्वाश की भावना जन्म लेने लगी l मुस्लिम लीग ने सन 1940 में अपने लिए अलग राष्ट्र पाकिस्तान की मांग की l
- पाकिस्तान की मांग धीरे धीरे जोर पकड़ने लगी और जब यह मांग न मानी गयी तो मुस्लिम लीग ने बंगाल में सीधी कार्यवाही के जरिये पाकिस्तान राष्ट्र बनाने के घोषण की l
- 16 अगस्त 1946 के दिन मुस्लिम लीग ने कलकत्ता में प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस मानाने की घोषणा की और उसी दिन दंगे शुरू हो गये और जो कई दिनों तक चलते रहे l
- मार्च 1947 तक यह सांप्रदायिक हिंसा पूरे भारत में फ़ैल गयी l
- मजबूरन कांग्रेस देश के बंटवारे के लिए तैयार हो गयी l
विभाजन के कारण
- कुछ विद्वान यह मानते है की बंटवारे की पृष्ठभूमि २०वी सदी के शुरुआत 1909 में है जब अंग्रेजो ने मुसलमानों के लिए पृथिक निर्वाचक मंडल की व्यवस्था कर दी l
- 1919 में जब पृथक चुनाव क्षेत्र का विस्तार किया गया तो साम्प्रदायिकता की भावना को बल मिला l
- अलग चुनाव क्षेत्र होने से मुस्लमान अपने प्रतिनिधि चुन सकते थे और इससे राजनेताओं में लालच बढ़ गया l
- वे सांप्रदायिक भाषण देने लगे l अपनी समुदाय को नाजायज फायदा पहुचाने लगे ताकि वे चुनाव जीत सके l
- चुनाव में दिए गए भाषण धीरे धीरे धार्मिक अस्त्मिताओं से जुड़ गयी l
- इसके आलावा और दुसरे कारण जैसे मस्जिद के सामने संगीत बजाना और गो रक्षा आन्दोलनं, आर्य समाज का "शुधि की कोशिशे" जैसे मुद्दों से सांप्रदायिक तनाव बढ़ा l
- मध्यवर्गीय प्रचारक और सांप्रदायिक कार्यकर्ता धीरे धीरे अपने अपने समुदाय दुसरे समुदाय के खिलाफ लामबंद करने लगे l इससे विभिन्न भागो में दंगे फैलने लगे l
- सभी समुदायों के बीच गहरे फर्क होते गए और दंगा फसाद के साथ साथ हिंसा की घटनाएँ बढ़ने लगी l
- ब्रिटिश सरकार की नीतियों और समाज में साम्प्रदायिकता के बढ़ने से विभाजन के खाई चौड़ी होती गए और दंगो के कारण हुई अशांति को शांत करने के लिए देश का विभाजन मान्य करना पड़ा l
बँटवारे के समय कानून व्यवस्था
- मार्च 1947 से लगभग साल भर तक पूरे देश में कानून कानून व्यवस्था चरमरा गयी थी l
- सांप्रदायिक दंगे चारो ओर हाहाकार मचा रहे थे l कलकत्ता और अमृतसर जैसे नगरों में हर तरफ भरी रक्तपात और आगजनी हो रही थी l
- कानून व्यवस्था और इसलिए बिगड़ गयी थी क्योकि अब पुलिस भी सांप्रदायिक व्यवहार कर रही थी l
- पुलिस वाले अपने धर्म के लोगो को बचाने में लगे थे और दुसरे समुदाय पर हमला कर रहे थे l इससे स्थिति और भयावह हो गयी थी l
- अंग्रेज अधिकारी भी निर्णय नहीं ले पा रहे थी की वह क्या करे l देश स्वतंत्र हो चूका था और साथ ही ब्रिटिश अधिकारी ब्रिटेन लौटने की तयारी कर रहे थे l
- ब्रिटिश अपने जान माल की रक्षा कर रहे थे और वापस जाने की तैयारी में लगे थे l
- हालात यह थे की पुलिस दंगाइयों पर एक गोली भी नहीं चला पा रही थी l
- जो कोई अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस के पास जाता पुलिस उनको महात्मा गाँधी, नेहरू , बल्लभभाई पटेल या फिर मो. अली जिन्ना के पास जाने को कहते थे l
बँटवारे के समय महिलाओं की स्थिति और अनुभव
- बंटवारे के समय सबसे ज्यादा दंश महिलाओं ने झेला l दंगा भड़कने से गाँव के गाँव खाली हो रहे थे l
- पुरुष अक्सर अपनी दंगे में या दुसरे समुदाय के साथ मारे जाते l ऐसी महिलाओं को बंधक बना लिया जाता था और उनका शारीरिक और यौन शोषण किया जाता था l
- बंटवारे के दौरान बहुत से लोगो ने दुसरे समुदायों के पुरुषों और बच्चो की हत्या करके महिलाओं का अपहरण कर लिया था l
- इन महिलाओ का जबरन धर्म परिवर्तन करवा कर उनकी शादी कर दी जाती थी l
- बंटवारे के दौरान अनेकों महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया और अधिकतर महिलाओं ने अपनी इज्जत आबरू बचाने के लिए आत्महत्या कर ली l
- 1948 में दोनों देशों की सरकार ने एक समझौते के तहत औरतों की बरामदगी की और उन्हें अपने वतन वापस भेज दिया l
- इनमे से बहुत सारी महिलाओं के कोई रिश्तेदार जिन्दा नहीं थे और वे अपने वतन लौटकर भी बेघर हो गयी थी l
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